12. अपनी फूफी का तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारे पिता की निकट कुटुम्बिन है।
13. अपनी मौसी का तन न उघाड़ना; क्योंकि वह तुम्हारी माता की निकट कुटुम्बिन है।
14. अपने चाचा का तन न उघाड़ना, अर्थात उसकी स्त्री के पास न जाना; वह तो तुम्हारी चाची है।
15. अपनी बहू का तन न उघाड़ना वह तो तुम्हारे बेटे की स्त्री है, इस कारण तुम उसका तन न उघाड़ना।
16. अपनी भौजी का तन न उघाड़ना; वह तो तुम्हारे भाई ही का तन है।
17. किसी स्त्री और उसकी बेटी दोनों का तन न उघाड़ना, और उसकी पोती को वा उसकी नतिनी को अपनी स्त्री करके उसका तन न उघाड़ना; वे तो निकट कुटुम्बिन है; ऐसा करना महापाप है।