15. मैं यह बिनती नहीं करता, कि तू उन्हें जगत से उठा ले, परन्तु यह कि तू उन्हें उस दुष्ट से बचाए रख।
16. जैसे मैं संसार का नहीं, वैसे ही वे भी संसार के नहीं।
17. सत्य के द्वारा उन्हें पवित्र कर: तेरा वचन सत्य है।
18. जैसे तू ने जगत में मुझे भेजा, वैसे ही मैं ने भी उन्हें जगत में भेजा।
19. और उन के लिये मैं अपने आप को पवित्र करता हूं ताकि वे भी सत्य के द्वारा पवित्र किए जाएं।