26. तब उसने उन से वैसा ही किया, और उन्हें इस्राएलियों के हाथ से ऐसा बचाया, कि वे उन्हें घात करने न पाए।
27. परन्तु यहोशू ने उसी दिन उन को मण्डली के लिये, और जो स्थान यहोवा चुन ले उसमें उसकी वेदी के लिये, लकड़हारे और पानी भरने वाले नियुक्त कर दिया, जैसा आज तक है॥