6. तब वह जवान सिंह हो कर सिंहों के बीच चलने फिरने लगा, और वह भी अहेर पकड़ना सीख गया; और मनुष्यों को भी फाड़ खाया।
7. और उसने उनके भवनों को बिगाड़ा, और उनके नगरों को उजाड़ा वरन उसके गरजने के डर के मारे देश और जो कुछ उस में था सब उजड़ गया।
8. तब चारों ओर के जाति जाति के लोग अपने अपने प्रान्त से उसके विरुद्ध निकल आए, और उसके लिये जाल लगाया; और वह उनके खोदे हुए गड़हे में फंस गया।
9. तब वे उसके नकेल डाल कर और कठघरे में बन्द कर के बाबुल के राजा के पास ले गए, और गढ़ में बन्द किया, कि उसका बोल इस्राएल के पहाड़ी देश में फिर सुनाई न दे।