5. तब यहोवा सिय्योन पर्वत के एक एक घर के ऊपर, और उसके सभास्थानों के ऊपर, दिन को तो धूंए का बादल, और रात को धधकती आग का प्रकाश सिरजेगा, और समस्त वैभव के ऊपर एक मण्डप छाया रहेगा।
6. वह दिन को घाम से बचाने के लिये और आंधी-पानी और झड़ी में एक शरण और आड़ होगा॥