7. क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुईंडोल होंगे।
8. ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी।
9. तब वे क्लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएंगे, और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे।
10. तब बहुतेरे ठोकर खाएंगे, और एक दूसरे से बैर रखेंगे।
11. और बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएंगे।
12. और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा हो जाएगा।