59. परमेश्वर सुनकर रोष से भर गया, और उसने इस्त्राएल को बिलकुल तज दिया।
60. उसने शीलो के निवास, अर्थात उस तम्बु को जो उसने मनुष्यों के बीच खडा किया था, त्याग दिया,
61. और अपनी सामर्थ को बन्धुआई में जाने दिया, और अपनी शोभा को द्रोही के वश में कर दिया।
62. उसने अपनी प्रजा को तलवार से मरवा दिया, और अपने निज भाग के लोगों पर रोष से भर गया।
63. उन के जवान आग से भस्म हुए, और उनकी कुमारियों के विवाह के गीत न गाए गए।