भजन संहिता 65:3-8 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

3. अर्धम के काम मुझ पर प्रबल हुए हैं; हमारे अपराधों को तू ढांप देगा।

4. क्या ही धन्य है वह; जिस को तू चुनकर अपने समीप आने देता है, कि वह तेरे आंगनों में बास करे! हम तेरे भवन के, अर्थात तेरे पवित्र मन्दिर के उत्तम उत्तम पदार्थों से तृप्त होंगे॥

5. हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, हे पृथ्वी के सब दूर दूर देशों के और दूर के समुद्र पर के रहने वालों के आधार, तू धर्म से किए हुए भयानक कामों के द्वारा हमारा मुंह मांगा वर देगा;

6. तू जो पराक्रम का फेंटा कसे हुए, अपनी सामर्थ्य के पर्वतों को स्थिर करता है;

7. तू जो समुद्र का महाशब्द, उसकी तरंगो का महाशब्द, और देश देश के लोगों का कोलाहल शन्त करता है;

8. इसलिये दूर दूर देशों के रहने वाले तेरे चिन्ह देखकर डर गए हैं; तू उदयाचल और अस्ताचल दोनों से जयजयकार कराता है॥

भजन संहिता 65