भजन संहिता 52:1-4 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

1. हे वीर, तू बुराई करने पर क्यों घमण्ड करता है? ईश्वर की करूणा तो अनन्त है।

2. तेरी जीभ केवल दुष्टता गढ़ती है; सान धरे हुए अस्तुरे की नाईं वह छल का काम करती है।

3. तू भलाई से बढ़कर बुराई में और धर्म की बात से बढ़कर झूठ से प्रीति रखता है।

4. हे छली जीभ तू सब विनाश करने वाली बातों से प्रसन्न रहती है॥

भजन संहिता 52