भजन संहिता 115:15-18 हिंदी पवित्र बाइबल (HHBD)

15. यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, उसकी ओर से तुम अशीष पाए हो॥

16. स्वर्ग तो यहोवा का है, परन्तु पृथ्वी उसने मनुष्यों को दी है।

17. मृतक जितने चुपचाप पड़े हैं, वे तो याह की स्तुति नहीं कर सकते,

18. परन्तु हम लोग याह को अब से ले कर सर्वदा तक धन्य कहते रहेंगे। याह की स्तुति करो!

भजन संहिता 115