11. मैं ने तुझे बुद्धि का मार्ग बताया है; और सीधाई के पथ पर चलाया है।
12. चलने में तुझे रोक टोक न होगी, और चाहे तू दौड़े, तौभी ठोकर न खाएगा।
13. शिक्षा को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे; उसकी रक्षा कर, क्योंकि वही तेरा जीवन है।
14. दुष्टों की बाट में पांव न धरना, और न बुरे लोगों के मार्ग पर चलना।
15. उसे छोड़ दे, उसके पास से भी न चल, उसके निकट से मुड़ कर आगे बढ़ जा।