13. देख, तेरे लोग जो तेरे बीच में हैं, वे स्त्रियां बन गए हैं। तेरे देश में प्रवेश करने के मार्ग तेरे शत्रुओं के लिये बिलकुल खुले पड़े हैं; और रूकावट की छड़ें आग के कौर हो गई हैं॥
14. घिर जाने के दिनों के लिये पानी भर ले, और गढ़ों को अधिक दृढ़ कर; कीचड़ ले आकर गारा लताड़, और भट्ठे को सजा!
15. वहां तू आग में भस्म होगी, और तलवार से तू नाश हो जाएगी। वह येलेक नाम टिड्डी की नाईं तुझे निगल जाएगी॥ यद्यपि तू अर्बे नाम टिड्डी के समान अनगिनित भी हो जाए!