1. तब तेमानी एलीपज ने कहा,
2. क्या बुद्धिमान को उचित है कि अज्ञानता के साथ उत्तर दे, वा अपने अन्त:करण को पूरबी पवन से भरे?
3. क्या वह निष्फल वचनों से, वा व्यर्थ बातों से वादविवाद करे?
4. वरन तू भय मानना छोड़ देता, और ईश्वर का ध्यान करना औरों से छुड़ाता है।